संतुलित रक्तचाप के लिए Punarnava Tablet Uses और आयुर्वेदिक उपाय

आजकल हाई ब्लड प्रेशर का हाई या लो होना बहुत कॉमन हो गया है. भागदौड़ भरी जिंदगी, स्ट्रेस, गलत खानपान और कम व्यायाम की वजह से लोगों का बीपी असंतुलित होने लगा है. उच्च रक्तचाप (हाई बी.पी.) और निम्न रक्तचाप (लो बी.पी.) दोनों ही हृदय और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। वैसे तो कई कारणों से ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव हो सकता है और दोनों ही स्थिति में आपके सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। किसी भी व्यक्ति का नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80mm Hg होना चाहिए।

जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 mm Hg से नीचे चला जाता है, तो इसे लो ब्लड प्रेशर, लो बीपी या हाइपोटेंशन (Hypotension) कहते है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. आयुर्वेद में ऐसे कई आसान और नेचुरल उपाय बताए गए हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं.आयुर्वेद में, रक्तचाप असंतुलन को वात, पित्त और कफ दोष के असंतुलन से जोड़ा जाता है। इसलिए, इसे नियंत्रित करने के लिए हमें आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, संतुलित आहार, योग और ध्यान का सहारा लेना चाहिए।


सबसे पहले जानते है हाई बी.पी के कारण और लक्षणों के बारें में-



उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) के कारण:


अनियमित खानपान, अधिक वजन,तनाव,धूम्रपान और शराब ,व्यायाम की कमी अनुवांशिकता या अन्य चिकित्सीय स्थितियाँ जैसे मधुमेह, किडनी की बीमारी, और कुछ हार्मोनल विकार भी उच्च रक्तचाप का कारण बन सकते हैं।


उच्च रक्तचाप के लक्षण


सिरदर्द, नाक से खून आना, और सीने में दर्द,सांस लेने में तकलीफ, थकान और कमजोरी,अनियमित दिल की धड़कन,दृष्टि में बदलाव


निम्न रक्तचाप (लो बीपी) के कारण


शरीर में पानी की कमी, दवाओं का प्रभाव,सर्जरी या गंभीर चोट,तनाव,अनुवांशिकता,हार्मोनल असंतुलन,थायराइड, एड्रेनल या शुगर असंतुलन


निम्न रक्तचाप के लक्षण


चक्कर आना, धुंधला दिखाई देना, और बेहोशी,थकान और कमजोरी ,मतली और उल्टी,पसीना आना, हाथ-पैर में ठंडापन।


वहीं रक्तचाप कैसे संतुलित किया जाए इस बारें में बात की जाएं तो आयुर्वेद में संतुलित रक्तचाप बनाए रखने के लिए कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं। जो तनाव कम करते हैं और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं. आइए जानते हैं कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक उपचार जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।


उच्च रक्तचाप यानी हाई बी.पी. के लिए


1. आहार और पोषण

नमक का सेवन सीमित करें,ताजे फल, सब्जियां और फाइबर युक्त आहार लें,लहसुन, मेथी, आंवला और अलसी के बीज उपयोगी होते हैं इसके अलावा नारियल पानी और छाछ का सेवन करें और साथ ही तैलीय, मसालेदार और प्रोसेस्ड फूड से बचें।


वहीं बात की जाएं निम्न रक्तचाप यानी लो बी.पी. की तो उसके लिए आप तुलसी और शहद को गुनगुने पानी के साथ लें, मुलेठी की चाय या अदरक का सेवन करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक है,नमक, नींबू और शक्कर का घोल पी सकते हैं।


2. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां
त्रिफला: शरीर को डिटॉक्स करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
अश्वगंधा: तनाव को कम कर रक्तचाप को संतुलित करता है।
ब्राह्मी: मानसिक शांति देती है और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
अर्जुन की छाल: रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार है।
गिलोय: प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर रक्त संचार में सुधार करती है।

आयुर्वेद में बताएं गए ये सभी गुण kbir wellness के बी.पी. फ्री टैबलेट एक प्राकृतिक समाधान है जो ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में मदद करती है। और ये हृदय को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और किसी भी तरह के नुकसान से बचाने में मदद करती है। इस टैबलेट में कुछ सबसे प्रभावशाली और चिंता कम करने वाली जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती हैं।


जो कुछ इस प्रकार है -


गाजवान – 33.9 mg
ब्राह्मी – 67.92 mg
शंखपुष्पी – 67.92 mg
वचा – 33.9 mg
अश्वगंधा – 33.9 mg
मलकांगनी – 33.9 mg
सौंफ (फेनिल) – 33.9 mg
पुष्करमूल – 33.9 mg
उस्तुखुद्दुस – 33.9 mg
जटामांसी – 18.65 mg
सर्पगंधा – 33.3 mg
मुक्ता पिष्टी – 20.15 mg
अर्जुन – 55 mg

KBIR Wellness के B.P. Free Tablet वो सारे औषधिय गुण पाएं जाते है जिन्हें आयुर्वेद में बी.पी. यानी रक्तचाप को संतुलित करने में सर्वोपरी माना गया है ये ना सिर्फ आपके बी.पी को संतुलित करती है बल्कि आपके तनाव को दूर करके आपके हृदय के स्वास्थय का भी ध्यान रखती है .


चलिए अब कुछ और तरीके जानते है जिनका इस्तेमाल कर आप अपने बी.पी. को हमेशा के लिए संतुलित रख सकते है .


3. योग और प्राणायाम

योग और प्राणायाम रक्तचाप को संतुलित रखने के लिए बेहद प्रभावी हैं। कुछ महत्वपूर्ण योगासन इस प्रकार हैं:


उच्च रक्तचाप के लिए: शवासन, भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम-विलोम।


निम्न रक्तचाप के लिए: सूर्य नमस्कार, भस्त्रिका प्राणायाम, ताड़ासन।


4. दिनचर्या और जीवनशैली

रोजाना सुबह टहलें और हल्का व्यायाम करें।


तनाव से बचने के लिए ध्यान और प्राणायाम करें।


भरपूर नींद लें और नियमित दिनचर्या बनाए रखें।


धूम्रपान और शराब से दूर रहें।



तो जैसा की सदियों से आयुर्वेद में बताया गया है और कई चिकित्सकों का भी यहीं मानना है कि, आपके शारीरिक स्वास्थय के लिए आपके मानसिक स्वास्थय का बेहतर होना बेहद ज़रूरी माना जाता है .. तो इसलिए बी.पी को संतुलित रखने के लिए भी हमें ज़रूरत होती है अपने मानसिक स्वास्थय को बेहतर बनाने की और तनाव मुक्त रहने की जिससे आपका हृदय भी स्वस्थ रह सकें … तो यहां एक बार फिर से Kbir wellness के B.P. Free Tablet आपके बेहद काम आ सकते है बी.पी. फ्री टैबलेट ना सिर्फ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, बल्कि यह तनाव और चिंता को भी कम करता है, जो लंबे समय में हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इसे अपने रोजमर्रा के जीवन में शामिल करके आप अपने हृदय और संपूर्ण स्वास्थ्य का स्वाभाविक रूप से ध्यान रख सकते हैं।


वहीं इसके मुख्य लाभ की बात करें तो


ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में मदद करता है


हृदय और संपूर्ण हृदय प्रणाली को सुरक्षित रखता है।


ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और हृदय को होने वाले नुकसान से बचाता है।


तनाव और चिंता को कम करने में सहायक है।



निष्कर्ष


र्वेदिक उपायों को अपनाकर और संतुलित जीवनशैली के माध्यम से रक्तचाप को नियंत्रित रखा जा सकता है। उचित आहार, जड़ी-बूटियां, योग एवं प्राणायाम का नियमित अभ्यास करके हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।


ध्यान रखे : केबीआईआर वेलनेस बी.पी. फ्री टैबलेट आपके डॉक्टर के इलाज के साथ मिलकर काम करता है। अपने बी.पी यानी रक्तचाप के इलाज में कोई भी बदलाव करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें!